ये निगाहें हर पल एक ख्वाब सजाये
ये दिल उन ख्वाबो में अरमा जगाये
मन इठलाये, फिर दिल घबराये
इन ख्वाबो के बिना, हम कहाँ जाए
कुछ ख्वाब सजाये थे दिल ने
जो धीरे धीरे झूट गए
आँखों के आंसू भी
इन आँखों से अब रूठ गए
आँखों से होठो तक का रस्ता
मेरे जीवन की कहानी कह जाए
तू नहीं अब तेरा साया
मेरे ख्वाबो में लहराए
याद तेरी दिल में है मेरे
आँखों में है कल का धुंआ
वक़्त नहीं समेट है सकता
हमारे प्यार का ये फलसफा...
it requires introspection , read it slowly part by part you will know the missing part from the writing ,
ReplyDeleteby the way it was nice reading it,keep writing happy writing
Hey Thanks for the suggestion :)
ReplyDeletei will try to incorporate that in my next writing :)