जिंदगी की गहराईयों में डूबते रहे
हर पल जीवन से लड़ते रहे
नदिया की धारा की तरह
हर किनारे से टकराते रहे
भूल गए हम जीना
इस जीने की लड़ाई में
खो दिया अपना वजूद
जाने किस गहराई में
कोई सम्भाले, कोई ऊबारे
इन अंधेरो से, कोई तो बचाए
प्यार की मशाल लिए
कोई तो हमे रस्ता दिखाए
जिसकी खातिर जी सके
जिसके लिए, ना मरने का ग़म
ऐसा कोई तो आए
जो हमको जीना सिखलाए
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